बदायूं सांसद आदित्य यादव ने लोकसभा में उठाया आवारा पशुओं से परेशान किसानों का मुद्दा

बदायूं (जे आई न्यूज़)न्यूज़ बताते चलें बदायूं से चुने गए सांसद आदित्य यादव ने आज संसद में अपने पहले भाषण में सबसे पहले बदायूं क्षेत्र के जनता का शुक्रिया अदा किया और कहा कि आज बदायूं की जनता ने मुझे संसद में आवाज उठाने का मौका दिया है सांसद आदित्य यादव ने सदन में अपने पहले भाषण में बदायूं लोकसभा क्षेत्र के किसानों नौजवानों, बेरोजगारों, छात्रों, तथा अघोषित बिजली कटौती व आवारा पशुओं तथा सिंचाई आदि से संबंधित महत्वपूर्ण समस्याओं को जोरदार तरीके से सदन में रखा। सांसद ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है 60% से ज्यादा आबादी आज किसानों में है उन्होंने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री जी ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन हम आज कहां खड़े हैं सांसद आदित्य यादव ने कहा कि हमें याद रखना होगा जब 700 से ज्यादा किसानों ने अपना बलिदान दिया उसे समय मौजूदा सरकार ने उनके बलिदान को पहचानने से भी इंकार कर दिया था हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज भी देश के किसी न किसी कोने में कई परिवार हैं जिन्होंने अपने मुखिया को खोया है उनके बच्चों के बारे में सोचिए किसान अपने बच्चों को पढ़ने के लिए शिक्षा दिलाने के लिए खेत में मजदूरी करता है लेकिन आज उसके परिवार का भविष्य क्या है उन्होंने कहा मैं जिस बदायूं लोकसभा क्षेत्र से आता हूं वहां सिंचाई को लेकर बहुत बड़ी समस्या है बदायूं के पास दो नदियां बहती हैं लेकिन इसके बावजूद भी इन नदियों से सिंचाई करने के लिए लिए कोई कनेक्टिविटी नहीं है मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आने वाले समय में किसानों को के खेतों की सिंचाई के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं इस समय मेरे लोकसभा क्षेत्र से सारे किसान ट्यूबवेल पर निर्भर है इस समय बिजली की यह स्थिति है कि हम गांव में 10 से 15 दिन तक बिजली की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं सरकार की तरफ से सर्वे किया गया था अधिकारियों ने बताया कि 56 सब स्टेशन है लेकिन कम से कम 35 सब स्टेशंस और होने चाहिए उनकी रिपोर्ट पर सरकार ने निर्णय लिया और अब 33 सब स्टेशंस को घटाकर मात्र 8 सब स्टेशंस किए जाने की बात आ रही है किसान इस समय पीड़ित है और हमारे क्षेत्र में तिराहीमाम बचा हुआ है इसलिए बिजली की समस्या को शीघ्र देखा जाए और इन समस्याओं को समझा जाए सांसद ने कहा सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं कई प्रदेशों में किसानों के लिए अगर कोई गंभीर समस्या बनती जा रही है तो वह आवारा पशुओं की है किसान और उसके परिवार को दिन में चढ़ती धूप में खेत में मेहनत करनी पड़ती है और रात में जागकर फसल की रखवाली आवारा पशुओं से करनी पड़ती है जब आवारा पशु रात में खेत चर जाते हैं तो किसान का नुकसान होता है और वही आवारा पशु जब सड़क पर जाते हैं तो किसी न किसी नौजवान या महिला की जान ले लेते हैं इसके लिए सरकार क्या कर रही है उन्होंने कहा जब किसान की बात की जाती है और किसान सम्मन निधि की ओर देखकर सरकार अपनी पीठ थाप थपाती है लेकिन आंकड़े कहते हैं रुरल सेक्टर में खरीद की क्षमता घटती जा रही है निश्चित तौर पर हमें समझना होगा किसान सम्मन निधि किसी काम की नहीं है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं यूथ का नेतृत्व करता हूं देश में 35% नौजवान हैं जिनकी मूलभूत सुविधाएं एजुकेशन जॉब ऑपच्यरुनिटीज है आज सरकार कहीं भी जॉब देने में असमर्थ होती जा रही है हमारे देश के 80% से ज्यादा नौजवान बेरोजगार घूम रहे हैं आने वाले समय में नौजवानों के रोजगार के लिए सरकार को कुछ करना चाहिए मुझ जैसे कई नौजवान है जो यूनिवर्सिटीज में छात्र राजनीति से आगे बढ़कर इन सदनों में लोगों का नेतृत्व करते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में छात्र राजनीति को खत्म करके कहीं ना कहीं नौजवानों को आगे आने से रोका जा रहा है मैं छात्रों से केवल इतना कहना चाहता हूं कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जैसी संस्थानों में जहां हॉस्टल की फीस बहुत कम रखी जाती थी ताकि किसानों के बच्चे पढ़ लिख सके लेकिन अगर 400% प्रतिशत फीस बढ़ाई जाती है तो किसानों के बच्चों के लिए यहां तक आना बहुत मुश्किल की बात होगी।