सहकारिता क्षेत्र के पितामह बाबू ओमप्रकाश नहीं रहे ! मिनिस्टर जितिन, खन्ना समेत विभिन्न सियासी चेहरों और तमाम संगठनों से जुड़े लोगों में दौड़ी शोक की लहर ! नम आँखों से दी गयी अंतिम विदाई

लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। सहकारिता क्षेत्र का बड़ा नाम यानी ओमप्रकाश सक्सेना अब नहीं रहे। उनके निधन से सहकारिता के एक युग का अंत हो गया है। नब्बे वर्षीय ओमप्रकाश सक्सेना कुछ समय से बीमार चल रहे थे। गांव ही नहीं बल्कि जनपद स्तरीय सियासत से लेकर उत्तर प्रदेश की सहकारिता राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले ओमप्रकाश सक्सेना यूपी के शाहजहाँपुर जनपद अंतर्गत ग्राम जौराभूड़ निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रघुनाथ सहाय के ज्येष्ठ पुत्र थे। सक्सेना के निधन की दुःखद खबर मिलते ही स्थानीय लोगों के साथ ही सियासी चेहरों, सहकारिता से जुड़े लोगों, विभिन्न संगठनों में शोक की लहर दौड़ गयी। शनिवार को नम आँखों से ओमप्रकाश सक्सेना को अंतिम विदाई दी गयी। क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि जब तक अनारक्षित सीट रही, ओमप्रकाश सक्सेना ने गांव की राजनीति में अपना दमखम दिखाया। करीब 40 साल तक ग्रामप्रधानी पर कब्जा रहा। भूमि विकास बैंक तिलहर, निगोही के तीन बार अध्यक्ष रहे। जिला सहकारी बैंक तिलहर के डायरेक्टर रहे। कोऑपरेटिव में डाकिया संघ, तिलहर संघ रजनपुर समेत तमाम सोसाइटियों के अध्यक्ष रहे। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के यूपी डायरेक्टर रहे। सहकारिता भवन लखनऊ अर्थात कोऑपरेटिव हेड ऑफिस पर सुनहरे अक्षरों में ओमप्रकाश सक्सेना के नाम का लगा पत्थर सदैव उनकी याद दिलाता रहेगा। झारखंड गवर्नर संतोष गंगवार, केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, सूबे के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, वनमंत्री डॉ अरुण सक्सेना, वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र रस्तोगी समेत तमाम जनप्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों ने ओमप्रकाश सक्सेना के निधन पर गहरा शोक जताया है। मीडिया से जुड़े सक्सेना के पुत्र विकास सक्सेना समेत अन्य परिजनों के समक्ष शोक प्रकट करने लोग उनके घर पहुंच रहे हैं। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।