गुंडई आईपीएस की : धड़ल्ले से गोकशी कराने वाले साहब की कप्तानी ले ली फायर ब्रांड सीएम योगी ने ! अब डीआईजी बन पत्रकार का मर्डर कराने की खुली धमकी दे रहे गालीबाज महोदय ! केंद्रीय गृह सचिव तक पहुंचा प्रकरण
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। अजाबे कब्र से बढ़कर पुलिस वालों का फंदा है, बचा जो इनके फंदे से खुदा का नेक बंदा है। यूपी पुलिस के एक महाबदतमीज आईपीएस अफसर इसी राह पर चलते दिख रहे हैं। शाम ढलते ही जाम से जाम टकराने में मशगूल इन महाशय को धड़ल्ले से गोकशी कराने और थानेदारों की ट्रांसफर पोस्टिंग में खुला भ्रष्टाचार करने के आरोप में फायर ब्रांड सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक जिले की पुलिस कप्तानी से घनघोर बेइज्जती कर हटा दिया था। कप्तान साहब के भ्रष्टाचार की सुबूतों समेत पुलिस मुख्यालय और सीएम तक आरएसएस से जुड़े जिम्मेदारों ने गंभीर शिकायत की थी। सीनियर आईपीएस ने लखनऊ के निर्देश पर पूरे प्रकरण की जांच कर उच्च स्तर पर गालीबाज कप्तान साहब के कारनामों की गोपनीय रिपोर्ट दी थी। डिजिटल मीडिया से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार ने इस मामले को प्रमुखता से प्रसारित किया था। भारत लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं से चलने वाला राष्ट्र है। यहां मीडिया की महती भूमिका है। लेकिन बिगड़ैल आईपीएस में ऐसी हिटलरशाही है कि उनकी नजर में सिस्टम कुछ नहीं है। सीनियर आईपीएस व मीडिया कर्मियों का सम्मान इन महाशय को कोई मायने नहीं रखते। कप्तान से डीआईजी बने इन महाशय ने सरकारी सम्पति को भी अपनी बपौती समझ रखा है। हाल ही में एक वरिष्ठ पत्रकार अपने साथी मीडिया कर्मी संग एक गेस्ट हाउस में किसी सीनियर अफसर से मिलने पहुंचे। सीनियर अफसर किसी व्यस्तता के चलते गेस्ट हाउस नहीं पहुंच सके। इसी बीच, कप्तान से डीआईजी बने महाबदतमीज ये आईपीएस अफसर वहां आ धमका। वरिष्ठ पत्रकार को देखते ही आग बबूला हो गया। अब इस आईपीएस की गुंडई देखिए वरिष्ठ पत्रकार को धमकाते हुए बोला कि तूने सीनियर आईपीएस के कहने पर मेरे खिलाफ जो खबर प्रसारित की है, उसका खामियाजा तो तुझे भुगतना ही पड़ेगा। तेरा नाम लाल कलम से डायरी पर लिख लिया है। तेरा कभी भी मर्डर हो सकता है। या फिर तेरे गृह क्षेत्र में तैनात हो गया तो इतने फर्जी मुकदमें लादूँगा कि तेरी सात पुस्तें याद रखेंगी। फिलहाल, पीड़ित मीडिया कर्मी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला समेत उच्च स्तरीय जिम्मेदारों तक अपनी बात रखी है। निष्कर्ष ये है कि देश सेवा की शपथ लेने वाले ये आईपीएस अफसर अपने आचरण में सुधार करने के बजाए किस तरह गुंडई पर उतारू हो जाते हैं, सोचनीय विषय है? शिकायत पर महाशय की कप्तानी जाती है। हटाते सीएम योगी हैं और गुस्सा निकाली जाती है पत्रकार पर। पत्रकार ने भी कहा है कि सच के रास्ते में कोई चट्टान क्यों ना आए, डरेंगे नहीं। दिल्ली स्तर से आईपीएस साहब के खिलाफ गोपनीय जांच की भी बात कही गयी है। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।