लखनऊ के वर्दी वाले बने गुंडे तो डीजीपी के एक्शन का चला चाबुक : टीएसआई समेत कई खाकी वाले सस्पेंड ! राज्य पुलिस कप्तान ने दर्ज करायी एफआईआर ! अब जेल जाने की बारी ! राजधानी में चल रहा था वसूली का खेल
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। आखिरकार वर्दी वाले गुंडों का असली चेहरा सामने आ ही गया है। चीख चीख कर सीएम योगी व डीजीपी प्रशांत कुमार ने दो टूक कहा हुआ है कि घूसखोरी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। बाबजूद रिश्वत के लालची कुछ खाकी वालों ने राजधानी तक को कलंकित करने का पाप कर डाला। विभूति खंड थाना अंतर्गत कमता तिराहा के पास ट्रेफिक पुलिस की वसूली की शिकायतें लगातार आला अफसरों तक पहुंच रही थीं। चर्चा है कि पुलिस कर्मियों के भ्रष्टाचार से जुड़ी यह बड़ी शिकायत उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस मुखिया प्रशांत कुमार के कानों तक पहुंची। चर्चा के मुताबिक, डीजीपी ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए जेसीपी एलओ को गोपनीय जांच कराने के निर्देश दिए। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने जब गोपनीय जांच करायी तो गोपनीय जांच में सारा खेल उजागर हो गया। गैर राज्यों की बसों को देर रात रोककर चालान का हौव्वा दिखा जमकर वसूली हुई। घटना के संदर्भ में बस चालकों ने ऑडियो व वीडियो तक अफसरों से साझा किये। राज्य पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पूरे मामले में वर्दी वालों की करतूत सामने आने पर कड़ा एक्शन लेते हुए यातायात पुलिस के सब इंस्पेक्टर उमेश सिंह, आरक्षी शुभम कुमार, विवेक, विशाल दुबे तथा सचिन कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के साथ ही इन सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ थाना विभूति खंड पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। चुनाव बाद लखनऊ पुलिस पर ये बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। शासन के एक आला अफसर ने जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज़ को बताया कि ये सभी पुलिस कर्मी जल्द ही गिरफ्तार कर जेल भेजे जायेंगे। ऐसे ही बेशर्म पुलिस कर्मियों की करतूत के चलते विपक्ष योगी सरकार पर किसी न किसी घटनाक्रम के बहाने हमलावर हो जाता है। फिलहाल, राजधानी पुलिस के इन वर्दी वालों पर डीजीपी प्रशांत कुमार के इस कड़े एक्शन के बाद लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस में हड़कंप मच गया है। साफ तौर पर डीजीपी का ये सख्त मैसेज माना जा रहा है। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।