नोएडा के बहु चर्चित निठारी कांड की विलेन इंस्पेक्टर क्राइम सिमरनजीत कौर ने फिर किया क्राइम ! थाने के अंदर 50 हजार की रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा ! एफआईआर दर्ज, जेल भेजने की तैयारी ! सीओ मीडिया से छुपाते रहे मामला, सीयूजी मोबाइल को बनाया अपनी बपौती
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। बहुचर्चित निठारी कांड में बर्खास्त रह चुकीं महिला इंस्पेक्टर सिमरनजीत कौर को एंटी करप्शन टीम ने पचास हजार रूपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। एफआईआर दर्ज कर महिला इंस्पेक्टर को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। अपराध जगत की ये बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के बदायूँ जनपद से है। कोतवाली इस्लामनगर में तैनात इंस्पेक्टर क्राइम सिमरनजीत कौर ने दूसरी बार ऐसा अपराध कर दिया कि पूरा पुलिस महकमा शर्मसार हो गया है। पीड़ित महिला से ही कोतवाली इस्लामनगर की इंस्पेक्टर क्राइम सिमरनजीत कौर ने 50 हजार रूपये की रिश्वत ले ली। पीड़ित महिला की शिकायत पर पहले से ही एंटी करप्शन टीम थाने के पास सक्रिय थी। टीम ने घूस लेते तत्काल इंस्पेक्टर क्राइम को धर दबोचा। पूरे घटनाक्रम के बाद हड़कंप मच गया। थाने के अंदर रिश्वत लेते महिला इंस्पेक्टर के पकड़े जाने की खबर का संज्ञान ले बदायूं के एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने तत्काल प्रभाव से महिला इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने की संस्तुति चुनाव आयोग को भेजी है। इंस्पेक्टर सिमरनजीत कौर का विवादों से पुराना नाता रहा है। नोएडा के निठारी कांड में सिमरनजीत कौर विवादों में रहीं। निठारी कांड के दौरान सिमरनजीत कौर चौकी प्रभारी थीं। सिमरनजीत कौर निठारी मामले में घोर लापरवाही के चलते बर्खास्त हुईं थीं। बरेली में एसएचओ महिला थाना रहते सिमरनजीत कौर की आला अफसरों से गंभीर शिकायतें हुईं। शिकायतों के चलते सिमरनजीत कौर की थानेदारी छिनी थी। अब एक बार फिर सिमरनजीत कौर के दिन गर्दिश में हैं। आईटी एक्ट के एक मामले में महिला के खिलाफ दर्ज केस में लाभ पहुंचाने के नाम पर आरोप है कि सिमरजीत कौर ने रूपये की डिमांड की। मंगलवार को 50 हजार रूपये रिश्वत लेते इंस्पेक्टर क्राइम पकड़ी गयीं। इस प्रकरण को एंटी करप्शन की स्थानीय टीम के प्रभारी यशपाल सिंह लगातार मीडिया से छुपाते रहे। कई बार फोन करने पर भी सीओ यशपाल सिंह का सीयूजी मोबाइल रिसीव नहीं हुआ। बाद में सीओ यशपाल सिंह ने अपना फोन ही स्विच ऑफ कर लिया जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि जीरो टॉलरेंस के मामले में जो भी कार्रवाई हो, उसे मीडिया से साझा किया जाए। एंटी करप्शन के आला अधिकारियों का कहना है कि शासन की जीरो टॉलरेंस मुहिम के तहत घूसखोर राज्य कर्मियों पर आगे भी इसी तरह की कार्रवाई होती रहेगी। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।