अलविदा-2024 : 6 महीने में छठी का दूध याद दिलाया सिंघम ने ! 22 जून कांड के खलनायकों को सिखाया क्या होता है कानून रौंदने का अंजाम ! सिंघम की कप्तानी में अपराधों में आयी गिरावट
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। पुलिस का इकबाल और कानून का राज क्या होता है? इन सवालों का जबाब फायर ब्रांड सीएम योगी आदित्यनाथ व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डीजीपी प्रशांत कुमार के सिंघम अफसर 2013 बैच के आईपीएस अनुराग आर्य ने अपनी फास्ट वर्किंग, जरायम की दुनिया के खलनायकों पे दे दनादन एक्शन से दे दिया है। सिंघम ने अपराधियों को अपनी छह महीने की पुलिस कप्तानी में ही छठी का दूध याद दिला दिया है। इज्जतनगर इलाके में बीच सड़क जब अपराधियों की टोली ने नंगा नाच किया। दिल्ली तक बरेली का 22 जून कांड गूंजा। तब योगी सरकार ने मुख्तार का जरायमी किला ढहाने वाले अनुराग आर्य को बरेली भेजा। आईपीएस अनुराग आर्य की अगुवाई में बरेली पुलिस ने बीते साल 2024 में नागरिक सुरक्षा व अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में असरदार काम किये। कानून व्यवस्था मजबूत बनाने को प्रभावी कदम उठाए। ना सिर्फ 22 जून कांड के खलनायकों के फन कुचले बल्कि एक के बाद एक महिलाओं की हत्या करने वाले साइको किलर को सलाखों के पीछे पहुंचाया। प्रेमनगर क्षेत्र में वर्दी पर हाथ उठाने वाले गली के गुंडों का ये हाल किया कि गँजे होकर भी सिंघम के कहर से ना बच सके। गोपनीय व्हाट्सअप नम्बर जारी कर कई गैर कानूनी धंधे पकड़े। 2024 व पिछले तीन सालों की तुलना में अनुराग की कप्तानी में क्राइम कण्ट्रोल हुआ। हत्या के प्रकरणों में 15 प्रतिशत, लूट में लगभग 65 प्रतिशत, चोरी प्रकरणों में 31 प्रतिशत, गैर इरादतन हत्या प्रकरणों में 50 प्रतिशत, हत्या के प्रयास जैसे मामलों में 10 प्रतिशत और महिला अपराध सम्बन्धी हत्या के प्रकरणों में 15 प्रतिशत की कमी आई है। 56 इंच सीने वाले अपने सिंघम के निर्देशन में बरेली पुलिस की अपराधियों से खूब मुठभेड़ हुईं। 45 पुलिस मुठभेड़ में 54 अपराधी घायल हुए। 49 अपराधी ऐसे हैं, जो पिछले 6 महीने के दौरान घायल हुए हैं। इन अपराधियों में 15 पुरस्कार घोषित क्रिमिनल शामिल हैं। गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत 12 प्रकरणों में 78 अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई हुई। 14 ए गैंगस्टर एक्ट में लगभग 4 करोड़ 27 लाख 50 हजार की प्रॉपर्टी जब्त की गई है। गुंडा एक्ट में 194 अपराधियों के विरुद्ध गुंडाएक्ट एफआईआर की गई। 58 ऐसे अपराधी जिनका अच्छा खासा आपराधिक इतिहास था, उनको जिला बदर किया गया है। आबकारी अधिनियम में 802 अभियुक्तों के विरुद्ध 733 मुकदमें पंजीकृत किए गए। 8 करोड़ 94 लाख कीमत की लगभग 17,300 लीटर शराब बरामद हुई। एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत 169 मुकदमें पंजीकृत कर 319 अपराधी पकड़े गए। इन अपराधियों के पास से 19 करोड़ 78 लाख 12 हजार कीमत के मादक पदार्थ बरामद हुए। शस्त्र अधिनियम के 506 मुकदमों में 605 अपराधी गिरफ्तार हुए। जुआ अधिनियम के 296 मुकदमों में 785 की गिरफ्तारी हुई। 11 लाख 40 हजार 960 रुपये की बरामदगी हुई। 53 नयी हिस्ट्रीशीट खोली गयीं। थाना शाही के गौसगंज मामले में मुख्य अपराधी के विरुद्ध एनएसए की कार्रवाई हुई। 35 पुरस्कार घोषित अपराधी गिरफ्तार हुए। 178 अपराधियों की टोली वाले 34 गैंग्स रजिस्टर्ड हुए।आबकारी अधिनियम, गौकशी में 15 वाहन जब्त हुए। विभिन्न मामलों में लापरवाह 99 पुलिस कर्मी सस्पेंड किये गए। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।