डीएम साहब ने संभाला मोर्चा तो सीएफओ-सीएमओ जागे नींद से ! एक दो नहीं 2 दर्जन से ज्यादा अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिफर ! कलेक्टर की अफसरों को दो टूक : शासन की गाइडलाइन का हर हाल में हो अनुपालन
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। झाँसी कांड की तस्वीरों को देख आम आदमी की रूह कांप उठी। लेकिन सिस्टम में बैठे कुछ जिम्मेदारों की संवेदनायें मर गयीं हैं। जिम्मेदारों कम से कम इतनी बड़ी घटना होने के बाद ही कुंभकर्णी नींद से जाग जाओ। झाँसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में मासूमों की मौत के प्रकरण को संवेदनशीलता से लेते हुए योगी सरकार ने प्रदेशभर के जिम्मेदारों खासकर जिलों के मुख्य अग्निशमन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मानकों की अनदेखी करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाए। संवेदनशील मौके पर योगी सरकार को सीएफओ बरेली को शायद अलग से निर्देश देने होंगे ?? डीएम बरेली रविंद्र कुमार जैसे ही एक्शनमोड में आये, तो सीएफओ की नींद टूटी। आनन फानन ऐसे चिकित्सा संस्थानों की सूची सीएफओ ने जारी की जो अग्निशमन विभाग के मानकों की खुली धज्जियां उड़ा रहे हैं। मानकों की धज्जियां उड़ाने वाले एक दो नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक चिकित्सा संस्थान हैं। आलम ये है कि सीएफओ की ओर से जारी प्रेस नोट में स्पष्ट हवाला दिया गया है कि जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में ऐसे कुछ चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ एक्शन लिया गया है, जो मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं। सवाल ये है कि जब डीएम साहब एक्शनमोड में आ गए तब ही अपनी ड्यूटी व नैतिक जिम्मेदारी सीएफओ को समझ आयी? बरेली में ही सिरौली अग्निकांड हुआ, इस घटना से भी सीएफओ नहीं चेते। आखिर झाँसी अग्निकांड से पहले अस्पतालों , नर्सिंग होम, मेडिकल कॉलेज व दूसरे निजी, सरकारी संस्थाओं में चेकिंग अभियान, जागरूकता अभियान क्यों नहीं चला ? ट्रायल की ओर क्यों नहीं ध्यान दिया गया? लंबे समय से बरेली में तैनात सीएफओ पर किसका हाथ है? फिलहाल, बरेली के डीएम रविंद्र कुमार ने सोमवार को जिला महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर ओपीडी, गंभीर नवजात शिशुओं की देखभाल को संचालित स्पेशल न्यूर्बोन केयर यूनिट आदि का अवलोकन किया। विद्युत सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। डीएम ने जिम्मेदारों को निर्देश दिए कि टीम बनाकर जनपदभर के सभी हॉस्पिटल चेक करें कि फायर सेफ्टी की क्या स्थिति है? निरीक्षण करके शासन की गाइडलाइन का अनुपालन करवायें। डीएम ने कहा है कि जांच टीम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, विद्युत सुरक्षा अधिकारी, उपजिलाधिकारी भी रहेंगे। निर्देश दिए गए हैं कि फायर सेफ्टी, इलेक्ट्रीकल सेफ्टी से सम्बंधित जिन भी उपकरणों की आवश्यकता है, उन्हें बगैर देरी ले लिया जाये। विषम परिस्थितियों से निपटने को प्रशिक्षण व समय समय पर ट्रायल हर हाल में हो। डीएम ने सीएमओ के भी पेंच कसे क्योंकि सीएमओ साहब नाम से ही नहीं अपितु काम से भी विश्राम सिंह हैं। निर्देश दिए हैं कि ओपीडी की समयावधि के दौरान जो भी मरीज आता है उसकी जांच अवश्य हो। आईएएस रविंद्र कुमार के कड़े तेवर देख अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।(जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।