शाही, भोजीपुरा के बाद यूपी के बरेली में अब गरमाया सिरौली इलाका : लड़की के प्रकरण में आक्रोशित भीड़ ने आधी रात की तोड़फोड़, आगजनी ! थानेदार सहित 3 सस्पेंड ! आरोपी सद्दाम व उपद्रवियों पर एफआईआर
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। सांप्रदायिक तनाव से जुड़े मामले में पुलिस लापरवाही के चलते यूपी के बरेली का माहौल बिगड़ गया। आधी रात भीड़ सड़क पर आ गयी। तोड़फोड़, आगजनी जैसी दुस्साहसिक घटना को अंजाम दे भीड़ ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये। लापरवाह थानेदार समेत तीन पुलिस कर्मी सस्पेंड किये गए हैं। भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। सूबे का बरेली जनपद इन दिनों सांप्रदायिक घटनाओं से बाहर नहीं निकल पा रहा है। कुछ घटनायें पुलिस लापरवाही से हो रही हैं। शाही, भोजीपुरा की ताजा घटनाओं से सबक ना लेने के चलते बरेली का सिरौली इलाका एक और सांप्रदायिक घटना का उदाहरण बन गया। 29 जुलाई को आंवला सर्किल अंतर्गत सिरौली थाना के ग्राम शिवपुर से हिन्दू लड़की को सद्दाम अगवा कर ले गया। प्रकरण संज्ञान में आने पर पहली अगस्त को पुलिस ने जयपुर राजस्थान से लड़की बरामद कर ली। चर्चा है कि गाँव में हुई पंचायत के बाद लड़की परिजनों के सुपर्द कर दी गई। आरोपी से पुलिस पूछताछ करने में जुट गयी। पुलिस प्रशासन तनावपूर्ण स्थिति से बेखबर बना रहा। शासन, पुलिस मुख्यालय के स्पष्ट निर्देशों के बाबजूद जिम्मेदारों ने कोई सतर्कता नहीं बरती। नतीजतन शुक्रवार रात लड़की पक्ष के लोगों ने गाँव वालों की भीड़ संग सद्दाम के घर चढ़ाई कर दी। तोड़फोड़, आगजनी की गयी। भीड़ ने खाकी वालों के साथ पुलिस वाहनों तक को निशाना बनाया। गाँव में दहशत के वातावरण के बीच कई थानों के फोर्स ने मौके पर पहुंच स्थिति कण्ट्रोल में की। लड़की पक्ष का आरोप है कि इलाकाई थानेदार लव सिरोही व दूसरे पुलिस कर्मी सद्दाम पक्ष की पैरवी करते दिखे। मामला प्रेम प्रसंग का बता लड़की पक्ष की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गयी। बवाल के बाद बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने आज शनिवार को एसएचओ सिरौली लव सिरोही के साथ ही बीट दारोगा व सिपाही को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर विभागीय जांच बिठा दी है। सवाल है कि सांप्रदायिक मामलों में सीधे सीएम योगी व डीजीपी प्रशांत कुमार के साफ निर्देश हैं कि जिम्मेदार ऐसे मामलों में बगैर किसी देर के तत्काल कार्रवाई करें। साथ ही पूरी सतर्कता बरतें। सिरौली मामले में थानेदार से लेकर सर्किल ऑफिसर तक की घोर लापरवाही सामने आ रही है। यदि थानेदार और थाना पुलिस गैर जिम्मेदार रही तो शासन ने सीओ को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी है। इतनी बड़ी घटना हो गयी, पर्यवेक्षण में क्यों फेल हो गए सीओ साहब? रिटायर्ड पुलिस अफसरों की मानें तो ऐसे मामलों में गाँव में चौकसी के साथ ही पक्ष व विपक्ष के घरों की निगरानी होनी चाहिए थी। दोनों पक्षों की गतिविधियों पर नजर रखी जानी थी। बरेली में पिछले दिनों मीरगंज सर्किल के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गाँव में हिन्दू युवक की हत्या कर दी गयी थी। हाईवे सर्किल के भोजीपुरा इलाके में होमगार्ड की बेटी का मामला यहाँ तक गरमाया कि भीड़ ने भोजीपुरा थाने का घेराव कर बवाल किया था। इन मामलों को ध्यान में रखकर जिम्मेदारों ने सिरौली प्रकरण में संवेदनशीलता बरती होती तो लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े नहीं होते। फिलहाल, एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा है कि अब सद्दाम के खिलाफ लड़की अगवा करने और बवालियों के विरुद्ध उपद्रव करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गयी हैं। उपद्रवियों पर कठोर एक्शन होगा। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।