पत्रकार व एआरटीओ मामले ने पकड़ा तूल ! कई साक्ष्य लेकर एडीजी जोन पीसी मीना से मिले मीडिया कर्मी ! एडीजी बोले विवेचना में जो सही होगा, वही होगा ! किसी के दबाब व प्रभाव में नहीं होगा एक्शन ! विवेचना पूर्ण होने तक नहीं होगी अग्रिम कार्रवाई
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/ जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। एआरटीओ व पत्रकार प्रकरण में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल एडीजी जोन से मिला। एआरटीओ के बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य मीडिया कर्मियों ने जोन पुलिस मुखिया के सामने रखे। पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने एडीजी जोन पीसी मीना को बताया कि एआरटीओ राजेश कुमार और पत्रकार आलोक गुप्ता के पिछले कई सालों से पारिवारिक रिश्ते हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित राजेश कुमार अपने घर भी आलोक गुप्ता व उनके भाई आदर्श गुप्ता को कई बार बुला चुके हैं। पत्रकार आलोक गुप्ता के होटल में न्यू ईयर पार्टी में भी राजेश कुमार पहुंचे थे। दो दर्जन से अधिक पत्रकारों के साथ एडीजी बरेली जोन पीसी मीना से मिलने पहुंचे मीडिया कर्मी आलोक गुप्ता के पत्रकार भाई आदर्श गुप्ता ने एडीजी जोन को ये भी बताया कि पिछले दिनों एआरटीओ राजेश कुमार उनके होटल में किसी को लेकर पहुंचे और आईडी प्रूफ दिए बगैर रूम की डिमांड करने लगे। बगैर आईडी प्रूफ के रूम देने से इनकार करने पर आरोप है कि एआरटीओ राजेश कुमार व्यक्तिगत द्वेष भावना मान बैठे। आरोप है कि अपनी व्यक्तिगत रंजिश के चलते ही दबाब बनाने को फर्जी तथ्यों पर आधारित एफआईआर दर्ज करा दी है। अपने तर्क के समर्थन में मीडिया कर्मी आदर्श गुप्ता ने कई साक्ष्य भी एडीजी जोन को दिखाये। अपर पुलिस महानिदेशक बरेली जोन पीसी मीना ने पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि पूरे मामले में निष्पक्ष विवेचना होगी। विवेचना पूर्ण होने तक किसी भी तरह की अग्रिम कार्रवाई नहीं होगी। यूपी के बरेली जनपद के इज्जतनगर थाने में एआरटीओ राजेश कुमार ने पत्रकार आलोक गुप्ता के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करायी हुई है। इसी मामले में पत्रकारों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पत्रकारों का कहना है कि उनके साथी आलोक गुप्ता को फर्जी मुकदमे में फंसा कर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। चर्चा है कि पर्दे के पीछे से कुछ विरोधी इस मामले को हवा दे रहे हैं। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।