घूसखोरी पर चला कलेक्टर का हंटर : दो हेल्थ वर्करों पर आनन फानन एफआईआर ! यूपी के तेजतर्रार डीएम ने हाथों हाथ करायी गिरफ्तारी ! स्वास्थ्य महकमे में खलबली
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को मजाक बनाने वाली दो हेल्थ कार्मिकों पर सूबे के बरेली जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने सख्त एक्शन लेते हुए ना सिर्फ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया है बल्कि आनन फानन अरेस्ट भी करा दिया है। घूसखोर महिला हेल्थ कर्मियों पर डीएम की कार्रवाई का हंटर चलते ही जिलेभर के स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप मच गया। दबाव बनाने को स्वास्थ्य कर्मियों ने अस्पताल परिसर में हंगामा, नारेबाजी भी की लेकिन ये सब बेअसर रहा। बरेली के मीरगंज अंतर्गत नथपुरा निवासी जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी ने 16 सितम्बर को सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर घूसखोरी से सम्बंधित वीडियो और प्रार्थना पत्र ट्वीट कर सिस्टम को जानकारी दी कि 15 सितम्बर को गाँव के ही उमेश ने अपनी पत्नी अनीता की डिलीवरी कराने को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज में उसे भर्ती कराया था, जहां अनीता ने ऑपरेशन से पुत्री को जन्म दिया। आरोप है कि अनीता का ऑपरेशन कराने के एवज में चिकित्सा अधीक्षक ने दस हजार रूपये की डिमांड कर डाली।ज्यादा गिड़गिड़ाने पर जबरन पांच हजार रूपये ले लिए। घटना संज्ञान में आने पर डीएम रविंद्र कुमार एक्शनमोड में आ गये। डीएम रविंद्र कुमार के निर्देश पर एसडीएम मीरगंज तृप्ति गुप्ता मौके पर पहुंचीं। पीड़ित परिवार के पांच हजार रुपये वापस दिलाए। मामले को लेकर निरंजन यदुवंशी की अगुवाई में ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन तक किया। इस बीच, उमेश के शिकायती प्रार्थना पत्र पर सख्त एक्शन लेते हुए डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने संयुक्त जांच टीम गठित की। जांच टीम ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट दी जिसमें बताया गया कि आशा कार्यकर्ती रीतू ने पीड़ित पक्ष से अपने पद का दुरुपयोग कर स्टाफ नर्स निहारिका यादव की मिलीभगत व संलिप्तता के चलते पांच हजार की घूस ली। प्रशासन के मुताबिक, आशा कार्यकत्री और स्टॉफ नर्स ने एक राय हो भ्रष्टाचार किया है। अब जांच रिपोर्ट के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आशा कार्यकर्ती रीतू, स्टॉफ नर्स निहारिका यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही डीएम रविंद्र कुमार ने दोनों की गिरफ्तारी भी करा दी है। तेजतर्रार आईएएस रविंद्र कुमार इससे पहले कई अन्य लापरवाहों पर भी एफआईआर दर्ज करा चुके हैं। मतलब साफ है कि घूसखोरों के बचने का कोई शॉर्टकट काम नहीं आने वाला। ऊँची पकड़ और अपनी अकड़ दिखाई तो फिर डीएम रविंद्र कुमार कड़े कानूनी फंदे में देंगे जकड़। मीरगंज घूसकांड में डीएम के एक्शन के चाबुक से हेल्थ महकमे में खलबली है। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।