अपराध मुक्त यूपी बनाने तक जरायम की दुनिया के खलनायकों पर चलता रहेगा यूपी पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई का हंटर : डीजीपी विजय कुमार
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। डीजीपी विजय कुमार ने कहा है कि अपराध मुक्त यूपी बनाने तक जरायम की दुनिया के खलनायकों पर यूपी पुलिस की ताबड़तोड़ कार्यवाही का हंटर इसी तरह चलता रहेगा। अपराधियों की छाती पर न सिर्फ बुलडोजर गरजता रहेगा बल्कि आतंक का पर्याय बने अपराधियों को सीधे पाताल लोक भेजने की कार्रवाई जारी रहेगी। शुक्रवार को यूपी पुलिस मुखिया आईपीएस विजय कुमार मीडिया से मुखातिब थे। ऑपरेशन त्रिनेत्र और ऑपरेशन कंविक्शन के साथ कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों के जरिये यूपी पुलिस की अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा बताते हुए डीजीपी ने कहा कि यूपी पुलिस लगातार अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है। ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेशभर में क्राइम स्पॉट पर जो कैमरे लगे उनकी मदद से एक हजार 355 घटनाएं यूपी पुलिस ने खोलीं। स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीजीपी विजय कुमार ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र से पहले 73 हजार 519 स्थानों पर लगे 93 हजार 878 सीसीटीवी कैमरों का फोकस रोड साइड किया गया। 2 लाख 47 हजार 355 स्थानों पर 6 लाख 24 हजार 632 नए सीसीटीवी कैमरे अधिष्ठापित किए गए हैं। तीन लाख बीस हजार 894 स्थानों पर 7 लाख 18 हजार 510 सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन कराया जा चुका है। ऑपरेशन कंविक्शन के अंतर्गत 15 दिवसीय विशेष अभियान के तहत कड़ी पैरवी कर 12 हजार 15 मामलों में 16 हजार 302 अपराधियों को पहली जुलाई से अब तक सजा दिलायी गयी है। 16 अपराधियों को मृत्युदंड जबकि 1569 को आजीवन कारावास की सजा हुई है। यूपी पुलिस के इस एक्शन मोड से अपराधी आज थर थर कांप रहे हैं। यूपी पुलिस ने सत्तर प्रतिशत अभियुक्तों का सत्यापन कराने के साथ ही 509 सक्रिय अभियुक्तों की गिरफ्तारी की। ताबड़तोड़ कार्रवाई से मजबूर कर बड़े पैमाने पर सक्रिय अपराधियों को अदालत में हाजिर करा दिया। 2573 अभियुक्तों पर गुंडा एक्ट व 1505 पर गैंगस्टर और चार पर रासुका की कार्रवाई की गई है। अपराधियों की 10 करोड़ 77 लाख 78 हजार 331 रुपए की अवैध संपत्ति जब्त की गई है। अपराधियों का काला साम्राज्य ध्वस्त करने को यूपी पुलिस जीरो टॉलरेंस की मुहिम के तहत ताबड़तोड़ एक्शन इसी तरह लेती रहेगी। इस दौरान जीएसओ एन रविन्दर,पीआरओ अभय नाथ त्रिपाठी समेत अन्य मातहत मौजूद रहे। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।