लो चल गया योगी का बुलडोजर : बरेली कांड के मुख्य खलनायक राजीव राना के होटल पर बुलडोजर एक्शन ! राना ने किया सरेंडर, पर्दे के पीछे वालों की भी खैर नहीं ! योगीराज में गुंडई का मतलब कानूनी चाबुक
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। कहते हैं जब दिन गर्दिश में आते हैं तो अपनी साया भी साथ छोड़ देती है। माफिया राजीव राणा के साथ भी यही हो रहा है। बीजेपी का झंडा और पर्दे के पीछे से तमाम आकाओं का हाथ आखिरकार काम ना आया। यूपी के बरेली गोली कांड के मुख्य खलनायक राजीव राणा के होटल पर गुरुवार सुबह योगी का बुलडोजर चल गया। 22 जून को दिनदहाड़े बरेली में इज्जतनगर थाना अंतर्गत माफिया राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय गुटों में प्लॉट पर कब्जे को लेकर गैंगवार हुआ। बीच सड़क पूर्वांचल के माफियाओं की स्टाइल में गोलीबारी, आगजनी, तोड़फोड़ हुई। सड़क पर कोई भी राहगीर गोलियों की जद में आ सकता था, इस बात की परवाह किये बगैर खाकी के सामने खुली गुंडई हुई। घंटों कानून व्यवस्था को रौंदा गया। निचले स्तर से लेकर अफसरों तक लोग फोन घनघनाते रहे,किसी ने भी साहस कर इन गुंडों से मोर्चा लेने की हिम्मत नहीं जुटाई। लोगों के भारी आक्रोश पर कई घंटे बाद जब मुख्य खलनायक फरार हो गये, तब अफसर एक्शन में आये। घटना को अंजाम देने आये किराये के टट्टू पकड़कर कार्रवाई की औपचारिकता की गयी। घटना पर सीएम योगी बेहद नाराज हुए। सीएम ने दो टूक कहा कि चाहे कोई भी हो। घटना में शामिल दोषियों से कानून सख्ती से निपटे। इंस्पेक्टर से लेकर एसएसपी तक पर योगी सरकार की गाज गिर गयी। माफियाओं से निपटने को बरेली में दो चर्चित अफसर योगी ने भेजे हैं। पहले अफसर हैं रमित शर्मा। माफिया अतीक गैंग का काला साम्राज्य ध्वस्त कर प्रयागराज से भेजे गए हैं। दूसरे अफसर हैं अनुराग आर्य। माफिया मुख्तार गैंग का काला साम्राज्य ध्वस्त करने को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रह चुके हैं। इन दोनों अफसरों की बरेली में आमद के दूसरे दिन ही माफिया राजीव राणा की सम्पत्ति पर योगी प्रशासन का बुलडोजर चल पड़ा है। इसी के साथ होटल पर बुलडोजर चला तो दर्द छलक उठा। घटना के बाद से भूमिगत चल रहे राजीव राणा परिवार समेत अपनी बात रखने मौके पर आ गए, खुद को सरेंडर कर दिया। मामले में अब तक 22 गुर्गे गिरफ्तार हो चुके हैं। तीन का पुलिस हिरासत में उपचार जारी है। अफसरों ने बताया कि घटना में संलिप्त एक एक दोषी पर इसी तरह का एक्शन होगा। पर्दे के पीछे से जो चेहरे इन दोषियों को संरक्षण दे रहे हैं, उन्हें भी नहीं बख्शा जायेगा। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।