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फुल एक्शनमोड में राज्य पुलिस कप्तान : डीजीपी प्रशांत कुमार की दो टूक जरायम की दुनिया के खलनायकों पर टूट पड़ो कानूनी चाबुक लेकर ! क्राइम कण्ट्रोल व लॉ एंड ऑर्डर के बाबत 23 बिन्दुओं पर फील्ड अफसरों को सख्त निर्देश

धर्मेन्द्र रस्तोगी

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लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। जरायम की दुनिया के खलनायकों पर कानूनी चाबुक लेकर ऐसे टूट पड़ो कि प्रदेशभर में उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई नजीर बन सके। जी हाँ, रविवार को प्रदेश के फील्ड अफसरों को कुछ ऐसे ही संकेत दिए राज्य पुलिस प्रमुख प्रशांत कुमार ने। वीसी के जरिये क्राइम, लॉ एंड ऑर्डर व ट्रेफिक सिस्टम की समीक्षा करते हुए यूपी पुलिस कप्तान ने मातहतों को 23 बिन्दुओं पर खास व सख्त निर्देश जारी किये हैं। तमाम दुर्दान्त माफियाओं और पेशेवर अपराधियों को सलाखों के पीछे या फिर पाताल लोक भेजने को लेकर लगातार मीडिया की सुर्खियों में रहे डीजीपी प्रशांत कुमार एक बार फिर एक्शनमोड में हैं। चुनाव बाद डीजीपी की ये पहली वीसी है। कई जगहों पर हाल फिलहाल में क्राइम की घटनाओं में इजाफा होने पर नाराजगी जताते हुए डीजीपी ने कहा है कि फील्ड के जिम्मेदार सुस्त चाल से बाहर निकल आयें। जन शिकायतों को पूरी गंभीरता से सुनकर उनका निस्तारण किया जाए। जन शिकायतों को किसी कीमत पर ना लटकाया जाए। जो घटनाएं और गंभीर मामले अभी लंबित हैं, तत्काल ऐसे मामले निस्तारित हों। महिलाओं तथा बच्चों संबंधी अपराधों में पूरी संवेदनशीलता के साथ कठोर एक्शन लिया जाए। चेन स्नैचरों, गो तस्करों, माफियाओं, नए माफियाओं, पेशेवर अपराधियों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए माहौल बिगाड़ने वाले अराजक तत्वों, हत्या लूट डकैती जैसे गंभीर प्रवृत्ति के अपराध करने वाले अपराधियों पर असरदार एक्शन हो। वांछित व वारंटी अभियुक्त सलाखों के पीछे हों। माफियाओं व अपराधियों की संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई में और तेजी लाई जाए। पुलिस बीट प्रणाली को और सुदृढ़ करने के साथ ही नियमित पैदल गस्त पर जोर दिया। त्रिनेत्र ऐप, ऑपरेशन दृष्टि, ऑपरेशन कन्विक्शन को लेकर दिशा निर्देश दिए। मालों, विवेचनाओं के निस्तारण के निर्देश दिए। पहली जुलाई से लागू होने वाले नए कानून के बाबत भी व्यापक दिशा निर्देश दिए। डीजीपी ने जिम्मेदारों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि घटनाओं की शत प्रतिशत एफआईआर दर्ज हों। गंभीर मामलों में वरिष्ठ अफसर स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करें। पुलिस महानिदेशक ने एक्सीडेंट का ग्राफ कम करने को बेहतर यातायात प्रबंधन के निर्देश दिए हैं। नियमित ओआर करने को कहा गया है। इस दौरान एडीजी स्थापना संजय सिंघल, एडीजी लॉजिस्टिक्स राजकुमार, एडीजी क्राइम एसके भगत, एडीजी एलओ अमिताभ यश, जीएसओ एन रविंदर अन्य मुख्यालय अफसर मौजूद रहे। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।

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