ककराले में हुआ कुल हिंद मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन
बदायूं (जे आई न्यूज़) बताते चलें दिनांक 10 जून 2024 को मेन बाज़ार ककराला में मशहूर शायर शहरयार खाँ चाँद ककरालवी के काव्य संग्रह मोम के लोग विमोचन के अवसर पर कुल हिंद मुशायरा एवंम कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हिन्दोस्तान के मशहूर और मारूफ़ शायरों एवंम कवियों ने शिरक़त की और सभी ने अपना अपना कलाम पेश किया !
मीरगंज बरेली से तशरीफ़ लाये शायर अक़ील नोमानी ने पढ़ा -
चराग़ गुल थे मगर हर तरफ उजाला था
वो पहली बार मेरे पास आने वाला था
मशहूर शायर कमल हातवी ने पढ़ा
तुम बिना कोई बहाना भी तो आ सकता
वरना मै रोज़ तो बीमार नही हो सकता
आमिर शेख ने पढ़ा
हम भी कहने के लिये कह दें मगर
कितना मुश्किल है किसी का होना
कामिल उरोल्वि ने पढ़ा
पेश करते हैं जो तस्वीर को उल्टा कर के
कहीं रख दे न ज़माना उनेह सीधा कर के
आग़ाज़ साक़ी ने पढ़ा
चीख़ तो खूब अंधेरों की सुनी मुंसिफ ने
फैसला दे दिया सूरज की तरफ दारी में
अज़मत जीलानी ने पढ़ा
अगले दो राहे पे हम लोग बिछड़ जायेंगे
आओ इस मोड़ पे कुछ देर ठहर जाते हैं
शमीम ककरालवी ने पढ़ा
नन्ने मुन्ने बच्चे थे तो कितना खुश रहता था बाप
जब से बच्चे बड़े हुए हैं सहमा सहमा रहता है
डाक्टर तौहीद अख़्तर पढ़ा
उठ तो आये हैं उनकी महफिल से
रह गयीं हैं मगर वहीं आँखें
ज़ाकिर अली ज़ाकिर ने पढ़ा
तमाम ज़िंदगी फ़िर लौट कर नही आया
महाज़े इश्क की जानिब अगर गया कोई
सोहराब ककरालवी ने पढ़ा
रंग उसका और मेरा एक जैसा हों गया
चाँद की सोहबत से दरिया भी सुनेहरा हो गया
डा. हिलाल ने पढ़ा
मोहब्बत कुछ नही है इक नशा है
जिसे होश आये वही बेवफा है
अरशद रसूल ने पढ़ा
आप बेशक सारी दुनियां शौक से ले लीजिये
बख्श दीजेगा फ़कत हिन्दोस्तां मेरे लिये
इस मौके पर और भी शायर मौजूद रहे जिसमें जनाब कमल हातवी को शहरयार ककरालवी अवॉर्ड ,ख़ालिद नदीम बदायूंनी को पयाम ककरालवी अवॉर्ड एंव दर्द देहलवी को अब्र गुन्नौरी अवॉर्ड से नवाज़ा गया !मुशायरे की निज़ामत डा. हिलाल बदायूंनी ने की !