सहसवान नगर व देहात क्षेत्र में गमगीन माहौल में मनाया गया मोहर्रम का त्यौहार नम आंखों के बीच ताज़िए कर्बला में किए गए सुपुर्देखाक़

बदायूं (जे०आई०न्यूज़)सहसवान आपको बता दें मोहर्रम की दसवीं तारीख यानी यौम ए अशूरा के दिन ताज़िये निकाले जाते हैं इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार कई सौ साल पहले मोहर्रम के दसवें दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हज़रत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी दरअसल कर्बला की जंग में इस्लाम की हिफाज़त करने के लिए अपने परिवार और 72 साथियों के साथ शहादत दी थी उन्हीं की याद में यानी मोहर्रम की 10 तारीख को ताज़िए निकाले जाते हैं जो नगर के अनेकों मोहल्ले से ताज़िए ढोल नगाड़ा जुलूस या हुसैन की सदाओं के साथ जगह-जगह लंगर लगाकर शरबत बांटते हैं और जगह-जगह खाना तक्सीम किया जाता है छोटे-छोटे बच्चों को तबर्रूक भी बांटा जाता है लोग अपनी अपनी मन्नतें मांगते हैं कोई चिरागां करता है मीरा साहब वली दरगाह परिसर में मेला भी लगता है जिसमें महिलाओं के लिए एक विशेष मीना बाजार भी लगाया जाता है जिसमें पुरुषों के जाने पर पाबंदी रहती है यहां पर सिर्फ महिलाएं खरीददारी करती हैं और दूर-दराज़ से काफी तादात में लोग मुहर्रम मनाने आते हैं नगर के कई मोहल्ला से निकाले जाते हैं हैं ताजिए, जिसमें मोहल्ला क़ाज़ी, मोहिउद्दीनपुर, ग्राम खैरपुर, कोल्हार, मोहल्ला शाहबाजपुर, नसरुल्लागंज, इमामबाड़ा हुसैनी मंजिल से युसूफ नियाज़ी की अगुवाई में लाव लश्कर के साथ ताज़िए के साथ जुलूस निकालते हुए उनके साथ उन मोहल्ले के ताज़िए भी शामिल हो जाते हैं जैसे मोहल्ला चौधरी, मोहल्ला बजरिया, मोहल्ला मेवा फरोश ,मोहल्ला पठान टोला होते हुए ईदगाह रोड से होते हुए कर्बला पहुंचते हैं और कर्बला में गंमगीन माहौल में ताजियों को दफना दिया जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र बहादुर सिंह ने पहले से ही भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया था जिससे कहीं कोई भी अप्रिय घटना ना हो जिसकी वजह से बहुत ही सुकून के साथ समय के रहते ही ताजियों और जुलूस का प्रोग्राम सकुशल संपन्न हो गया।