तो 22 जून कांड भूला इज्जतनगर थाना : हिस्ट्रीशीटरों के सत्यापन में भारी लापरवाही उजागर ! सिंघम कप्तान का चल गया हंटर ! काम ना आया थानेदार साहब का सिंघम बॉस को खुश करने का अंदाज
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। यूपी के इतिहास में 22 जून की घटना दिल्ली तक गूंजी थी। विपक्ष ने लॉ एंड ऑर्डर के बहाने योगी सरकार को जमकर घेरा था। ऐसे अति संवेदनशील बरेली जनपद में पुलिस व्यवस्था बेहतर करने, कानून का राज कायम करने और खाकी वाले हरिराम व बेलगाम वर्दी वालों की अक्ल ठीक करने को सिंघम पुलिस कप्तान अनुराग आर्य की कवायद लगातार जारी है। वक्त के साथ लापरवाह वर्दी वाले कई बार बड़ी घटनायें भूल जाते हैं। पूर्वांचल के माफियाओं की तर्ज पर कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे यूपी के बरेली में 22 जून की सुबह इज्जतनगर इलाके में एलानिया गुंडाराज कायम कर हाईवे के प्लॉट पर कब्जे को लेकर गैंगवार हुआ। दो गुटों की ओर से कानून का हौव्वा हवा में उड़ा कई घंटे ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी। जेसीबी में आगजनी हुई। पथराव, तोड़फोड़ जैसी घटना हुई। सरेआम हथियार लहराये गए। दुस्साहसिक घटना से राहगीरों में भगदड़ मच गयी। आसपास के लोग घंटों घरों में कैद रहे। पहले तो काफी देर पुलिस मौके पर ही नहीं पहुंची। जब अफसरों के संज्ञान में घटना आई। अधिकारियों की फटकार पर जो पुलिस कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे भी वो जिगर फिल्म की तरह मौके पर सिर्फ तमाशबीन बन कानून की किरकिरी होते देखते रहे। सूबे के पूर्वांचल में अक्सर देखा गया है कि माफियाओं में गैंगवार के दौरान घंटों घंटों ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना होती थी। पुलिस माफियाओं के आगे नतमस्तक रहती थी। यही हाल 22 जून को दिनदहाड़े पीलीभीत रोड पर बरेली का रहा। बरेली कांड के बाद सीएम योगी और डीजीपी प्रशांत कुमार ने बरेली को अनुराग आर्य जैसा सिंघम अफसर दिया है। 22 जून की घटना की गंभीरता समझ अतिसंवेदनशील इज्जतनगर थाने के एसएचओ से लेकर एक एक वर्दी वाले को पूरी तरह अलर्टमोड व एक्शनमोड में रहना चाहिए। गली मोहल्लों के हिस्ट्रीशीटरों के साथ ही सभी अराजक तत्वों की पूरी कुंडली मालूम होनी चाहिए। शनिवार को बरेली के सिंघम पुलिस कप्तान अनुराग आर्य ने इज्जतनगर थाने का वार्षिक निरीक्षण किया। सिंघम को खुश करने को थानेदार साहब ने पुलिस थाना बाकायदा दुल्हन की तरह सजाया लेकिन कहते हैं ना, कि लक्ष्य पर नजर रखने वाले की नजर चूकती नहीं। सिंघम अनुराग आर्य ने इज्जतनगर थाने में तैनात दारोगा धर्मेंद्र विश्नोई और इंद्र पाल सिंह की रजिस्टर नंबर 8 के हिस्ट्रीशीटरों के सत्यापन में भारी लापरवाही पकड़ ली। मतलब साफ है कि कप्तान साहब के निरीक्षण को ओके करने को थानेदार साहब ने खूब परिश्रम किया लेकिन संवेदनशील थाने में अपने मातहतों पर थानेदार साहब का पर्यवेक्षण निल सामने आया। जो थाना 22 जून की घटना के लिए देशभर में चर्चा में रहा हो,वहां के जिम्मेदार हिस्ट्रीशीटरों के सत्यापन को लेकर संवेदनशील ना हों, सोचनीय विषय है? फिलहाल, बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने निरीक्षण के दौरान जलभराव समस्या से लेकर कई आंतरिक खामियों पर एसपी सिटी मानुष पारीक को समय रहते निराकरण कराने के निर्देश दिए हैं। बेहतर वर्किंग पर कप्तान ने एक पुलिस कर्मी को पुरस्कृत किया है। इज्जतनगर थाना पहले से ही जमीनी मामलों को लेकर सुर्खियों में रहा है। इज्जतनगर थाने के कई जिम्मेदार विवादित जमीनी मामलों को लेकर आला अफसरों की फटकार खा चुके हैं। इज्जतनगर के कई थानेदारों पर भूमाफियाओं से याराना निभाने के चलते विभागीय एक्शन की गाज गिर चुकी है। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।