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अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा ले जा रहे काले कानून व तहसील में भ्रष्टाचार के विरोध में जुलूस निकालकर नारेबाजी करते हुए व तहसील में धरना देते हुए किया प्रदर्शन

रिपोर्ट सैयद तुफैल अहमद

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बदायूं(जे०आई०न्यूज) बताते चलें सहसवान अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे काले कानून और तहसील में प्राप्त भ्रष्टाचार के विरोध में कचहरी परिसर से जुलूस निकालकर नारेबाजी करते हुए तहसीलदार न्यायालय के समक्ष धरना देते हुए प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने तहसीलदार और एसडीएम को समस्या के समाधान के लिए 3 दिन का समय दिया है। समाधान न होने पर उग्र आंदोलन के चेतावनी दी है।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुजफ्फर सईद एडवोकेट ने कहा कि तहसील के  हर न्यायालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है बिना पैसा के कोई काम नहीं किया जा रहा है। तहसीलदार की पेशकार का वकीलों के प्रति रवैया खराब है। उन्होंने एक अधिवक्ता से कहा कि मैं पत्रावली फाड़ कर तुम्हारे खिलाफ मुकदमा लिख दूंगा। बात इतनी बढ़ गई कि मामला तहसीलदार और एसडीएम के संज्ञान में लाया गया। मगर उन्होंने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया और तहसीलदार ने तो यहां तक कह दिया कि उनका पेशकार ठीक है मैं उसे नहीं हटाऊंगा। समस्या का समाधान करने में एसडीएम प्रेमपाल सिंह ने भी कोई रुचि नहीं दिखाई। मजबूरन अधिवक्ताओं को आंदोलन करना पड़ा। इस धरना प्रदर्शन के दौरान एसडीएम और तहसीलदार को समस्या के समाधान के लिए 3 दिन का समय दिया गया है। अगर समय सीमा के अंदर समस्या का निस्तारण नहीं होता है तब आंदोलन और उग्र किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि यह इतना बड़ा इशू नहीं था तहसीलदार को ही समस्या का समाधान कर देना चाहिए था। तहसीलदार अपने पेशकार यशपाल सिंह यादव को नहीं हटाना चाहते हैं। क्योंकि वह उन्हें सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है। एसडीएम प्रेमपाल सिंह भी इसमें कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। इसका खामियाजा  उन्हें भी भुगताना पड़ेगा। जबकि एसडीएम प्रेमपाल सिंह को चाहिए था कि वह अधिवक्ताओं से वार्ता करके समस्या का समाधान कर देते। सभा को हरि ओम महेश्वरी, श्याम बाबू गुप्ता, सतीश पाठक, रूमाली सिंह, धर्मेंद्र पाठक, अक्षत सक्सेना, प्रशांत जौहरी, जावेद इकबाल नकवी, श्याम बाबू सक्सेना, राजकुमार सक्सेना, संदीप सक्सेना, आदि ने भी संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नेम सिंह यादव ने की संचालन अतर सिंह शाक्य एडवोकेट ने किया।

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