बढ़ती घटनाओं और पुलिस पर लगे भ्रष्टाचार के कई आरोपों से खफा एडीजी पीसी मीना ने ली जिम्मेदारों की जमकर क्लॉस : क्रॉस केस लिखने से बाज आयें थानेदार ! कांवड़ यात्रा को लेकर अलर्ट मोड पर रहे सिस्टम
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। बढ़ती आपराधिक घटनाओं व पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कई गंभीर मामलों से खफा एडीजी बरेली जोन पीसी मीना ने जिम्मेदारों की जमकर क्लॉस ली। जोन पुलिस मुखिया ने कहा है कि लचर कार्यप्रणाली से काम चलने वाला नहीं है। सभी जिम्मेदार एक्टिव हो वर्किंग दिखायें। जमीं पर पुलिस का एक्टिव काम दिखना चाहिए। बुधवार शाम जोनल मुख्यालय पर एडीजी ने क्राइम कण्ट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर के बाबत बैठक की। कई बिन्दुओं पर समीक्षा कर कड़े निर्देश दिए गए हैं। एडीजी बोले कि अवैध वसूली से लेकर क्रॉस केस दर्ज करने के कई मामले प्रकाश में आये हैं, जोकि गंभीर विषय है। इस तरह के मामलों में दोषी जिम्मेदारों पर फौरन एक्शन हो। इसी तरह सीओ मीरगंज डॉ दीपशिखा अहिबरन, सीओ लाइन प्रियतोष त्रिपाठी, एसएचओ हाफिजगंज संजय सिंह, एसएचओ शीशगढ़ रविंद्र कुमार समेत कई वर्दी वालों की गंभीर शिकायतों पर जोन प्रमुख की टेढ़ी नजर बताई जा रही है। हाल के दिनों में पुलिस के कुछ जिम्मेदारों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इन मामलों की गहनता से जांच हो। यदि आरोप सही पाये जायें, तो बगैर देरी विभागीय कार्रवाई की जाए। दहेज हत्या के मामलों में कार्रवाई सिफर होने पर नाराजगी जतायी है। कांवड़ यात्रा आदि त्योहारों के चलते धर्मगुरूओं, व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों, पुलिस कर्मियों संग मीटिंग कर जिम्मेदार सामंजस्य स्थापित कर निरंतर उनके संपर्क में रहें। त्योहार रजिस्टरों का अवलोकन हर हाल में कर लिया जाये। कांवड यात्रा रूट निर्धारित हो। पहले ही रूटों का निरीक्षण कर लिया जाये। त्योहारों पर लगने वाले मेला स्थलों, मन्दिरों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबन्ध हों। कोई नई परम्परा न पड़े। जुलूसों में पर्याप्त फोर्स मुस्तैद रहे। कॉंवड़ यात्रा के दृष्टिगत पूरी सतर्कता बरतें। क्यूआरटी टीमें गठित हों। फुट पेट्रोलिंग लगातार हो। जिन थाना क्षेत्रों में विवाद सामने आये हैं, वहां समय रहते प्रभावी कार्रवाई हो। लंबित विवेचनायें शीघ्र निस्तारित हों। चोरी, नकबजनी की घटनायें रोकी जायें। समीक्षा बैठक में आईजी डॉ राकेश सिंह, एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान समेत राजपत्रित अफसर मौजूद रहे। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।