बवाली बने बरेली में चुनौती : सावन माह के आगाज से पहले दूसरी बार गोकशी ! मीरगंज सर्किल क्षेत्र में हिन्दू परिवार पर आधी रात हमला ! कई घायल, सांप्रदायिक तनाव ! कई हालिया घटनाओं ने कानून व्यवस्था को दी खुली चुनौती
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे सावन माह के आगाज से पहले अराजक तत्व यूपी के अति संवेदनशील बरेली जनपद की फिजा बिगाड़ने की भरसक कोशिश में जुटे हैं। सावन माह के प्रथम सोमवार से पहले जो मामले सामने आये हैं, वो साफ संकेत दे रहे हैं कि कहीं ना कहीं सिस्टम की चूक और हनक की कमी के चलते भविष्य में कोई भी बड़ी घटना घटित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। सप्ताहभर में दूसरी बार बैखौफ हो बरेली में गोकशी की घटना कर दी गयी। नबाबगंज सर्किल के क्योलड़िया थाना अंतर्गत धीमरी गाँव में गन्ने के खेत में शुक्रवार को गोवंशीय पशुओं के अवशेष मिलने के बाद जनाक्रोश फैल गया। भारी भीड़ जमा हो गयी। ये खुराफात सावन माह शुरू होने के 3 दिन पहले की गयी है। गोवंशीय पशुओं के हत्यारे अभी पुलिस पकड़ से बाहर हैं। हाल ही में बहेड़ी सर्किल के देवरनियाँ थाना अंतर्गत ग्राम शरीफनगर में गोकशी की घटना हुई। सीएम योगी व डीजीपी प्रशांत कुमार के स्पष्ट निर्देश हैं कि गोकशी की घटनायें पूरी तरह रोकी जायें। कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाली एक अन्य घटना मीरगंज सर्किल अंतर्गत शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज में हुई। शुक्रवार रात हिन्दू परिवार के घर पर मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया। घटना में कई घायल हैं। सांप्रदायिक तनाव की इस घटना को लेकर लोगों का कहना है कि मोहर्रम जुलूस के नये रुट का विरोध करने की खुन्नस में बड़ी घटना को अंजाम दिया गया। मामले में कई हमलावर हिरासत में लिए गए हैं। दो दिन पहले ही आंवला सर्किल अंतर्गत अलीगंज थाना क्षेत्र में डीजे के विरोध पर दो समुदाय में बवाल हुआ। पथराव और भगदड़ जैसी घटना हुई। भीड़ ने थाना घेरा तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। मोहर्रम के दौरान बहेड़ी सर्किल अंतर्गत ग्राम जाम सावंत में पीपल के पेड़ की टहनी काटने पर हंगामा हुआ। हाईवे सर्किल अंतर्गत भोजीपुरा क्षेत्र में मोहर्रम जुलूस के दौरान नये रुट को लेकर दो समुदाय आमने सामने आ गए। पथराव हो गया। सवाल खड़ा होता है कि उच्च स्तरीय दिशा निर्देश, पीस कमेटी की बैठकें, सभी धर्मगुरुओं व आयोजकों से संवाद, स्थानीय जिम्मेदारों की सतर्कता के बाद भी बार बार असामाजिक तत्व कानून व्यवस्था को चुनौती क्यों दे रहे हैं? कहाँ होम वर्क की कमी है? किस स्तर पर चूक लगातार हो रही है? फिलहाल, दोनों समुदाय के अमन पसंद लोगों में लगातार बढ़ रहे सांप्रदायिक मामलों को लेकर चिंतन मंथन का दौर शुरू हो गया है। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।