Thursday, 21-11-2024
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विधायक जी का साथ हो तो पाटीदार के पदचिन्हो पर चल यूपी में कुछ भी करेगा फिल्मी थानेदार : बलिया के बाद बरेली को शर्मसार किया रिश्वतखोर कोतवाल ने ! 7 लाख लेकर तस्करों को छोड़ा ! 9.96 लाख मिले सरकारी आवास से ! थानेदार साहब को सिंघम कप्तान ने किया सस्पेंड ! गिरफ्तारी के खौफ में थाने की दीवार कूद भागे ! कमांडर ने वर्दी वाले के पीछे दौड़ाये वर्दी वाले

धर्मेन्द्र रस्तोगी

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लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। यूपी के महोबा जिले के रिश्वतखोर पूर्व पुलिस कप्तान मणिलाल पाटीदार के चेले थानेदार रामसेवक घूसकांड में बुरी तरह घिर गए हैं। सात लाख लेकर अफीम तस्करों को छोड़ने वाले बरेली के फरीदपुर कोतवाल रामसेवक की घिनौनी हरकत सामने आने पर सिंघम एसएसपी अनुराग आर्य ने जब पूरे मामले की तहकीकात को आईपीएस ऑफिसर मानुष पारिक को फरीदपुर थाने भेजा तो उनकी गाड़ी का सायरन बजते ही इंस्पेक्टर रामसेवक बलिया कांड के विलन नरही थानेदार पन्नेलाल की तर्ज पर थाने की दीवार कूदकर नौ दो ग्यारह हो गए। जरायम की दुनिया के खूंखार खिलाड़ी मुख्तार अंसारी का काला साम्राज्य ध्वस्त करने वाले आईपीएस अनुराग आर्य ने एक विधायक के नातेदार इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही तत्काल प्रभाव से इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर विभागीय जांच शुरू करा दी है। जिस थाने में कल तक कोतवाल रामसेवक की हनक कायम थी, अब आज उसी थाने में रामसेवक मुल्ज़िम हैं। कप्तान ने उनके पीछे पुलिस टीमें दौड़ा दी हैं। गुरुवार दोपहर कप्तान अनुराग आर्य के संज्ञान में आया कि फरीदपुर एसएचओ रामसेवक ने ग्राम नवदिया निवासी आलम, नियाज को बुधवार रात अफीम तस्करी में पकड़ा। कानूनी कार्रवाई के बजाए कोतवाल ने दोनों तस्करों को सात लाख की घूस लेकर छोड़ दिया। कमांडर आर्य के निर्देश पर फरार कोतवाल के सरकारी आवास की तलाशी ली गयी तो 9 लाख 96 हजार का कैश बरामद हुआ। चर्चा है कि हिस्सा ना मिलने पर थाने के कुछ पुलिस वालों ने ही अपने इंस्पेक्टर का खेल उजागर कर दिया। जिस सूबे में जीरो टॉलरेंस को लेकर सीएम, डीजीपी संवेदनशील हों, वहां रिश्वत प्रेमी ऐसे थानेदारों के कारनामों से खाकी कलंकित हो रही है। फिर चाहे बलिया वसूली कांड हो या महोबा व्यापारी कांड। जेल में बंद पूर्व पुलिस कप्तान पाटीदार को इंस्पेक्टर रामसेवक अपना गुरु मानता है। जब महोबा कांड में पाटीदार पर योगी सरकार ने एक्शन लिया तो एक व्हाट्सएप ग्रुप में रामसेवक ने पाटीदार पर एक्शन की निंदा की थी। सवाल है कि रिश्वत प्रेमी रामसेवक ना जाने और कितने काले कारनामे कर चुका होगा। रील वाले थानेदारों की तरह रामसेवक रियल लाइफ में पुलिस अपराधी गठजोड़ का बड़ा खेल कब से खेल रहा था ? कौन खाकी व खादी वाले इस गठजोड़ में शामिल हैं ? पर्दे के पीछे और क्या गुल खिला चुका है? ऐसे तमाम बिन्दुओं पर पड़ताल जरूरी है।फिलहाल बलिया से बरेली तक यूपी के बेशर्म थानेदारों ने वर्दी की गरिमा को तार तार कर दिया है। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।

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