चर्चित लेखपाल कांड : शासन तक गूंजा मनीष प्रकरण ! परिजनों का कलेक्ट्रेट में हंगामा, डीएम बोले हम डीएनए टेस्ट कराने को राजी ! कप्तान ने किया खुलासा, फिरौती वसूलने को ही हुआ लेखपाल का किडनैप-मर्डर ! नई स्क्रिप्ट में आया जिन्न का फरमान ! अखिलेश की टिप्पणी पर बरेली में मनीष कांड गरमाने में जुटे रहे सपाई
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। चर्चित लेखपाल कांड का आईपीएस अनुराग आर्य ने आज खुलासा कर दिया। दो हत्यारोपियों की गिरफ्तारी हुई है। दो फरार हैं। घटना अंजाम देने वाले दो हत्यारोपी मीडिया के समक्ष लाये गए। कप्तान ने दो ऑडियो रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर समेत विभिन्न साक्ष्यों सहित घटना का खुलासा करते हुए बताया कि दो पत्नियों के खर्च व आर्थिक तंगी से परेशान हो हत्यारोपी ओमवीर उर्फ अवधेश मूल निवासी कपूरपुर फरीदपुर हाल निवासी मिर्जापुर कैंट ने मास्टरमाइंड तरीके से अपने साथियों सूरज कश्यप मूल निवासी बाकरगंज फतेहगंज पूर्वी हाल निवासी बभिया कैंट, तांत्रिक नन्हें निवासी नगरिया कला फतेहगंज पूर्वी, नेत्रपाल निवासी चुरा नवदिया अलीगंज के साथ मिलकर 4 लाख फिरौती वसूलने की मंशा के चलते लेखपाल मनीष कश्यप का 27 नवंबर को अपहरण कर उसी रात मफलर से गला कसकर निर्मम हत्या कर दी थी। एसएसपी के मुताबिक, हत्यारोपी ओमवीर, तांत्रिक नन्हें पर फरीदपुर थाने में कई केस दर्ज हैं। कुछ समय पहले ही ओमवीर जेल से छूटा था। ओमवीर की दो पत्नियां हैं जिनमें एक पत्नी बरेली, दूसरी नोएडा रहती है। ओमवीर की प्लानिंग थी कि एक सिख दोस्त के फार्म हाउस पर मृतक का शव रखकर फिरौती वसूली जाए। फार्म हाउस में काम करने वाले नेत्रपाल ने डर के कारण फार्म हाउस में शव रखने से मना कर दिया। पकड़े जाने के डर से मनीष के मोबाइल का इस्तेमाल करने की सहमति भी हत्यारोपियों में नहीं बन सकी। तांत्रिक नन्हें ने जिन्न के फरमान की बात कहकर ओमपाल व अन्य को डरा दिया कि मनीष का मोबाइल रिचार्ज मत कराओ, वरना पकड़े जाओगे। फिरौती की प्लानिंग फेल होने पर ओमवीर, नन्हें, सूरज, नेत्रपाल ने कार में ही बेहोशी अवस्था में मफलर से गला कसकर मनीष की हत्या कर दी। आर्य बोले कि अभी तक हुई पूछताछ व पड़ताल में फिरौती के लिए किडनैप फिर फिरौती वसूलने की प्लानिंग फ्लॉप होने पर मर्डर की जघन्य वारदात होने की बात सामने आयी है। उन्होंने बताया कि डीएम के निर्देश पर प्रथमदृष्टया एडीएमई दिनेश व एसपीआरए मुकेश मिश्रा की देखरेख में हुई जांच में कथित जमीन गड़बड़ी की कोई बात साबित नहीं हुई है। परिजन पुलिस खुलासे से खुश नहीं हैं। परिजनों ने मृतक का शव लेने से भी इंकार कर दिया है। परिजनों का आरोप है कि कथित जमीन घोटाले के चलते लेखपाल मनीष का मर्डर हुआ है। स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक जिम्मेदारों को भी परिजनों ने आरोपों के घेरे में लिया है। लेखपाल मनीष अपहरण हत्याकांड की गूंज शासन तक हुई है। सीएम योगी, डीजीपी प्रशांत कुमार ने घटना का खुद संज्ञान लिया है। डीएनए टेस्ट कराने समेत विभिन्न माँगों के बाबत सोमवार को लेखपाल के परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंच हंगामा किया। डीएम बरेली रविंद्र कुमार, एसएसपी अनुराग आर्य ने डीएनए टेस्ट कराने, जमीन मामले के कथित घोटाले की जांच कराने से लेकर अन्य सभी माँगें मान ली हैं। इस बीच सपा प्रमुख पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी बरेली की इस घटना पर अपनी टिप्पणी की है। बरेली में सपा नेता इस प्रकरण को गरमाने में लगे रहे। लेखपाल के परिजन कलेक्ट्रेट में डीएम से मुलाकात करने कुछ सपा नेताओं संग पहुंचे थे। सपा जिलाध्यक्ष ने डीएम से मिलकर मांग की है कि इलाकाई एसडीएम व एसएचओ कैंट को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। लेखपाल संघ ने घटना को लेकर कड़ा रोष जताया है। कप्तान अनुराग आर्य के निर्देश पर कड़े सुरक्षा घेरे में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। लापरवाही के आरोपों के बीच कप्तान अनुराग आर्य ने बताया कि लोकल पुलिस की प्रारंभिक जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं।(जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।