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बीच आबादी में मकान के अंदर चल रही माँझा फैक्ट्री में विस्फोट, तीन मरे ! डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य पहुंचे घटनास्थल

धर्मेन्द्र रस्तोगी

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लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। बीच आबादी में मकान के अंदर चल रही माँझा फैक्ट्री में शुक्रवार को ब्लास्ट हो गया। घटना में फैक्ट्री मालिक समेत तीन की मौत हुई है। ब्लास्ट से इलाकाई लोग दहशतजदा हो गए। पुलिस प्रशासन ने घटना का संज्ञान ले विधिक एक्शन शुरू कर दिया है। घटना के बाद जिम्मेदारों पे सवाल खड़े हो गए हैं। यूपी के बरेली में किला थाना अंतर्गत बाकरगंज क्षेत्र में शुक्रवार सुबह अतीक रजा के मकान में चल रही माँझा फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ। धमाके के बाद मौके पे भारी भीड़ जुट गयी। ब्लास्ट की जद में आने से फैक्ट्री मालिक अतीक रजा, कारीगर फैजान, सरताज की मौत हो गयी है। आबादी इलाके में लंबे समय से संचालित माँझा फैक्ट्री में हुई घटना के बाद कुछ परिजनों ने सिलेंडर ब्लास्ट की बात कहकर मामले को दबाने की भरसक कोशिश की। भीड़ के बीच डीएम रविंद्र कुमार, पुलिस कप्तान अनुराग आर्य ने मौका मुआयना किया। एसओजी ने फील्ड यूनिट संग शुरूआती पड़ताल में पाया कि माँझा बनाने को इस्तेमाल किए जाने वाले बारूद यानी गंधक-पोटाश के ढ़ेर में ब्लास्ट होने से ये बड़ी घटना हुई है। पुलिस ने पंचायतनामा की कार्यवाही कर शव पोस्टमार्टम हाउस भेजे हैं। अफसर स्थानीय लोगों, परिजनों से माँझा फैक्ट्री के बाबत जानकारी लेने में जुटे हैं। बाकरगंज इलाके में लंबे समय से माँझा बनाने का काम धड़ल्ले से चलता आ रहा है। किला क्षेत्र में माँझे से पूर्व में अनगिनत घटनायें हो चुकी हैं। हाल ही में शाहजहाँपुर जनपद में तैनात यूपी पुलिस के सिपाही की माँझे की चपेट में आकर मौत हो चुकी है। सिपाही मौत मामले के बाद प्रदेशभर में प्रतिबंधित माँझे की रोकथाम को बड़े पैमाने पे अभियान चलाने की कवायद जारी है। अभियान के मध्य ही बरेली में माँझा फैक्ट्री की ये घटना सामने है। सवाल है कि लंबे समय से आबादी में माँझा फैक्ट्री संचालित होने की जिम्मेदारों को खबर तक ना थी? शासन के निर्देश पे चल रहे अभियान में रूचि लेकर डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य निचले स्तर के जिम्मेदारों को प्रभावी कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं लेकिन हर बार वही हथकंडा। बड़ी घटना होने के बाद ही निचले स्तरीय जिम्मेदार कार्रवाई के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाने लगते हैं। जिस बाकरगंज इलाके में ब्लास्ट हुआ है, उस इलाके के सीओ लंबे समय से तैनात हैं। लगभग तमाम इवेंट्स पर पीस कमेटी जैसी बैठकें भी होती हैं। आखिरकार ये कैसा पब्लिक समन्वय है कि इलाके की गतिविधियों की पुलिस प्रशासन को जानकारी ही नहीं हो पाती? फिलहाल, एसएसपी अनुराग आर्य ने अभियान चलाकर कड़ा एक्शन लेने की बात कही है। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।

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