यूपी में सावन के फर्स्ट सोमवार से ठीक पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश : मंदिर की मूर्तियां खंडित कर भड़काया जनाक्रोश ! लगातार एक ही इलाके में हुई गोकशी ! जिम्मेदार निष्क्रिय
लखनऊ (धर्मेंद्र रस्तोगी/जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)। ऐसा लगता है कि मानो यूपी पुलिस को खुला चैलेंज देते हुए खुराफाती तत्व माहौल बिगाड़ने का हर दांव पेंच चल रहे हैं। जब यूपी पुलिस के सिंघम डीजीपी प्रशांत कुमार मेरठ समेत दूसरे संवेदनशील इलाकों में कांवड़ यात्रा जैसे खास इवेंट्स को सकुशल सम्पन्न कराने को फील्ड दौरा कर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हों, तब दो बार दंगों का दंश झेल चुके उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के कुछ गैर जिम्मेदार वर्दी वालों की निष्क्रिय कार्यप्रणाली के चलते 24 घंटे के अंदर एक बार फिर सावन माह के प्रथम सोमवार से ठीक पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गयी।बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में रविवार सुबह दुस्साहसिक घटना हुई। बाबा गोपेश्वर नाथ प्राचीन मंदिर में देवी देवताओं की मूर्तियों को खंडित कर हिन्दू समाज के लोगों की भावनायें आहत की गयीं। गुस्सायी भीड़ ने हंगामा करने के साथ ही घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी मुस्लिम समुदाय से जुड़े युवक की पिटाई कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया है। सांप्रदायिक तनाव के इस मामले की साजिश में शामिल होने की आशंका के चलते कुछ अन्य लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। उच्च स्तर से साफ निर्देश हैं कि सावन माह को देखते हुए मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था चौकस रहे। ऐसे में इज्जतनगर थाने के जिम्मेदार चादर तान कर क्यों सो रहे थे ? यदि इस मंदिर पर पुलिस चौकसी होती तो शायद खुराफाती तत्व घटना को अंजाम नहीं दे पाते। दूसरी चैलेंजिंग घटना बरेली के नवाबगंज सर्किल अंतर्गत क्योलड़िया थाना क्षेत्र में लगातार एक ही जगह धीमरी गाँव में हुई। गोवंशीय पशुओं की हत्या कर अवशेष खेत में फेंक दिए गए। रविवार सुबह घटना की जानकारी होते ही स्थानीय लोगों के अलावा हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया। एक दिन पहले भी क्योलड़िया के इसी गाँव में गोकशी हुई। पहली घटना के बाद ही क्योलड़िया थाने के जिम्मेदारों को चौकसी बरतनी चाहिए थी। अगर पुलिस चौकसी बरती गयी होती तो घटना भी नहीं होती और घटना को अंजाम देने वाले भी गिरफ्त में होते। क्योलड़िया से एक दिन पूर्व हाईवे सर्किल अंतर्गत भोजीपुरा इलाके में गोकशी हुई। पंडरी हल्वा गाँव में गोवंशीय पशुओं के अवशेष मिले। एसआई संजय सिंह की ओर से गोकशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इन सभी घटनाओं में गोकशों को गिरफ्तार करने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। फिलहाल, 22 जुलाई से सावन माह शुरू हो रहा है। अगर ऐसे ही जिम्मेदारों की निष्क्रिय कार्यप्रणाली रही तो किसी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। (जर्नलिस्ट इन्वेस्टीगेशन न्यूज)।